हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि हरियाणा सरकार प्रदेश में शिक्षा को गुणवत्तापूर्ण, संस्कारवान एवं रोजगारोन्मुखी बनाने के प्रति संकल्पबद्ध है। शिक्षा के क्षेत्र में नई तकनीकों के महत्व को समझते हुए राज्य सरकार ने अपने संकल्प-पत्र में उच्च माध्यमिक विद्यालय पाठ्यक्रम में कोडिंग, डेटा विश्लेषण, डिजिटल सुरक्षा जैसे डिजिटल साक्षरता विषयों को शामिल करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा, हर स्कूल में उम्मीद काउंसलिंग स्थापित की जाएगी और कक्षा-9 से राज्य के छात्रों के लिए करियर काउंसलिंग भी अनिवार्य करेंगे। संकल्प-पत्र के अनुसार सरकार का लक्ष्य सरकारी स्कूलों में 30 बच्चों पर एक शिक्षक का अनुपात सुनिश्चित करना है। सरकार प्रति पात्र हरियाणवी छात्र को नेशनल मीन्स-कम-मेरिट छात्रवृत्ति योजना के तहत प्रति वर्ष 3,000 रुपये की अतिरिक्त छात्रवृत्ति प्रदान करेगी।
मुख्यमंत्री आज जिला अंबाला के गांव तेपला स्थित नंद लाल गीता विद्या मंदिर स्कूल में विवेकानंद भवन के भू-तल खण्ड के उद्घाटन अवसर पर बोल रहे थे। इससे पहले, मुख्यमंत्री ने स्कूल के प्रांगण में पौधारोपण कर पर्यावरण को स्वच्छ व सुंदर बनाए रखने का संदेश भी दिया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने नंद लाल गीता विद्या मंदिर को 31 लाख रुपये की राशि देने की भी घोषणा की।
श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान वर्ष 1977 से देशभर में अपने 25 हजार से भी अधिक स्कूलों के माध्यम से शिक्षा का प्रकाश फैला रहा है। विद्या भारती के अंतर्गत चलने वाले स्कूल शिक्षा के साथ-साथ बच्चों को संस्कारयुक्त शिक्षा दे रहे हैं। विद्या भारती देश की युवा पीढ़ी को स्वामी विवेकानंद के विचारों से ओत-प्रोत करते हुए उन्हें भारतीय संस्कृति, सभ्यता, आचार, व्यवहार का ज्ञान भी दे रहे हैं।
किताबी ज्ञान के साथ-साथ बच्चों को संस्कार युक्त नैतिक शिक्षा प्रदान करने के लिए नई शिक्षा नीति लागू
मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यालयों में किताबी ज्ञान के साथ-साथ बच्चों को संस्कार युक्त नैतिक शिक्षा मिले, इसके लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देश में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की है। राष्ट्रीय चरित्र निर्माण तथा परम्पराओं के सम्मान पर केन्द्रित मूल्य आधारित शिक्षा प्रदान करने के लिए सरकार ने प्रदेश में अनेक योजनाएं शुरू की हैं। नई शिक्षा नीति के तहत प्रदेश में ऐसे शिक्षण संस्थान तैयार किए जा रहे हैं, जिनमें बच्चों को केजी कक्षा से पीजी कक्षा तक की शिक्षा प्रदान की जाएगी। प्रदेश में चार विश्वविद्यालयों-भगत फूल सिंह कन्या विश्वविद्यालय, खानपुर कलां, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार और महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक में केजी से पीजी स्कीम के तहत दाखिले किये गए हैं।
हरियाणा पहला राज्य, जिसने स्कूल स्तर पर व्यावसायिक कौशल एन.एस.क्यू.ए. को किया लागू
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने गरीब से गरीब परिवार के बच्चों को प्राथमिक स्तर से ही उच्च कोटि की शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से प्रदेश में 1,420 मॉडल संस्कृति विद्यालय खोले हैं। इन स्कूलों में बच्चों को प्राचीन मूल्यों व संस्कारों पर आधारित शिक्षा भी प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि हरियाणा पहला ऐसा राज्य है, जिसने स्कूल के स्तर पर व्यावसायिक कौशल एन.एस.क्यू.ए. को लागू किया है। इसके तहत स्कूलों में कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों को विभिन्न कौशल प्रशिक्षण दिये जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में ई-अधिगम योजना के तहत कक्षा 10वीं से 12वीं के 5 लाख से अधिक विद्यार्थियों को मुफ्त टैबलेट दिए गए हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अन्तर्गत 1185 सरकारी स्कूलों में कक्षा 6वीं से 8वीं तक के 1 लाख 19 हजार छात्रों को प्री-वोकेशनल एक्सपोजर दिया गया है। ‘सुपर 100’ कार्यक्रम के अन्तर्गत सरकारी स्कूलों के मेधावी विद्यार्थियों को आई.आई.टी., जे.ई.ई., एन.ई.ई.टी. इत्यादि परीक्षाओं के लिए विशेष कोचिंग मुफ्त उपलब्ध करवाई जा रही है। चिराग योजना के तहत गरीब परिवारों के बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में पढऩे का अवसर प्रदान किया गया है। इन बच्चों की फीस सरकार देती है।