गुरुग्राम/समृद्धि पाराशर: उपायुक्त अनीश यादव ने कहा कि हरियाणा कौशल रोजगार निगम के माध्यम से प्रदेश के युवाओं को सरकारी विभागों के अलावा निजी क्षेत्र की औद्योगिक इकाईयों में भी रोजगार के अवसर मुहैया करवाने के लिए हरियाणा सरकार प्रयासरत है। जिन बेरोजगार युवाओं ने हरियाणा कौशल रोजगार निगम अब तक अपना पंजीकरण नहीं करवाया है, वे अपना पंजीकरण अवश्य करवाएं ताकि उन्हें उनकी योग्यता के अनुसार रोजगार उपलब्ध हो सके।

वीडियो कांफ्रैंसिंग के माध्यम से गुरूग्राम में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा औद्योगिक इकाईयों तथा एसोसिएशन के प्रतिनिधियों के साथ वार्ता के बाद उपायुक्त ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हरियाणा कौशल विकास निगम मुख्यमंत्री का एक ऐसा विजन है, जिसमें पूरी पारदर्शिता के साथ योग्य उम्मीदवार को रोजगार मिल रहा है।

युवाओं को पर्ची और खर्ची से भी छुटकारा मिला है। जिस प्रकार से इस निगम के माध्यम से सरकारी विभागों में युवाओं को नौकरी मिल रही है, उसी तर्ज पर निजी क्षेत्र में रोजगार मिलेगा। इससे जहां औद्योगिक इकाईयों को मैन पॉवर आसानी से उपलब्ध होगी वहीं प्रदेश के बरोजगार युवाओं के लिए नई अवसर सृजित होंगे।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का प्रयास है कि हर घर में एक गरीब आदमी को रोजगार मिले और उसकी आमदनी 1 लाख 80 हजार रुपये से ऊपर हो। इस विजन के तहत परिवार पहचान पत्र के आधार पर पहले ऐसे परिवारों के बच्चों को प्राथमिकता दी जा रही है जिनकी आय 1 लाख रुपये से कम है। इसके अलावा पक्की नौकरियों में गरीब परिवारों को 5 नम्बर अधिक दिए जाते हैं।

वीसी में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्किल इंडिया और मेक इन इंडिया कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए हरियाणा सरकार ने राज्य में स्किल डेवलपमेंट विश्वविद्यालय खोलने का काम किया है। उन्होंने कहा कि युवाओं की स्किलिंग बढ़ाने के लिए स्किल डेवलपमेंट अथॉरिटी का निर्माण किया गया है और इस अथॉरिटी के चेयरमैन मुख्य सचिव हैं। पदमा योजना के तहत 14 हजार के करीब एमएसएमई को प्रोत्साहन दिया जाएगा और करीब 3.50 लाख युवाओं को इस योजना के तहत रोजगार मिलेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विदेशी निवेश के लिए हरियाणा प्राथमिकता बन रहा है। उन्होंने हरियाणा कौशल रोजगार निगम के तहत कॉरपोरेट सेक्टर को युवाओं को नौकरी देने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि भर्ती प्रक्रिया के लिए कॉरपोरेट सेक्टर पूर्ण रूप से स्वतंत्र होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे विभिन्न कंपनियों की टीम रिक्रूटमेंट कोस्ट में भी बचत होगी। सरकार कंपनी की मांग के हिसाब से स्किल्ड लेबर मुहैया कराएगी।

मुख्यमंत्री के इस अनुरोध पर कई कंपनियों ने रूचि दिखाई है। इस मौके पर औद्योगिक इकाईयों व एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि वे हरियाणा कौशल रोजगार निगम के माध्यम से मैन पॉवर लेंगे और इस विजन में भरपूर सहयोग करेंगे। इस अवसर पर मुख्य सचिव संजीव कौशल तथा हरियाणा कौशल रोजगार निगम के निदेशक एमके पांडुरंग ने भी एचकेआरएन की विशेषताओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

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