नई दिल्ली/समृद्धि पराशर: संसद के आगामी मानसून सत्र में केंद्र सरकार को घेरने की कांग्रेस ने पूरी तैयारी कर ली है। कांग्रेस का कहना है कि वह मणिपुर हिंसा रेल सुरक्षा संघीय ढांचे पर हमला GST को PMLA के तहत लाना महंगाई UPA सरकार की योजनाओं को कमजोर करना भाजपा सांसद द्वारा महिला पहलवानों का उत्पीड़न और अदाणी मामले पर जेपीसी मांग को लेकर सरकार को घेरेगी।
कांग्रेस ने कहा है कि वह केंद्र सरकार के ‘लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित राज्य सरकारों के संवैधानिक अधिकारों और जिम्मेदारियों पर हमले’ का विरोध करना जारी रखेगी। कांग्रेस का यह बयान बेंगलुरु में 18 जुलाई को होने वाली विपक्षी नेताओं की बैठक से पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए एक संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
केजरीवाल ने बैठक में शामिल होने से किया था इनकार
पिछले महीने पटना में हुई विपक्षी दलों की बैठक में केजरीवाल ने मांग की थी कि कांग्रेस दिल्ली के उस अध्यादेश का विरोध करे, जो केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त उपराज्यपाल को ‘सेवाओं के प्रशासन’ की शक्ति प्रदान करता है। आम आदमी पार्टी ने तब एक बयान जारी कर कहा था कि उसके लिए अगली बैठक में शामिल होना मुश्किल होगा, जहां कांग्रेस भागीदार है।
मोदी सरकार के खिलाफ कांग्रेस ने लड़ी लड़ाई
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव जयराम रमेश ने पार्टी की संसदीय रणनीति समूह की बैठक के बाद कहा कि कांग्रेस ने हमेशा लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई राज्य सरकारों और स्थानीय निकायों के संवैधानिक अधिकारों और जिम्मेदारियों पर मोदी सरकार के हमले के खिलाफ लड़ाई लड़ी है। यह हमला सीधे तौर पर होता है या राज्यपालों जैसे नियुक्त लोगों की ओर से होता है। कांग्रेस ने अतीत में इसका विरोध किया है। हम संसद और बाहर इसका विरोध करना जारी रखेंगे। यह संविधान पर एक बेशर्म हमला है। इसके विभिन्न रूप हैं। संवैधानिक निकायों को कमजोर किया जाता है और उनकी सिफारिशों को नजरअंदाज कर दिया जाता है, जबकि संवैधानिक एजेंसियों का दुरुपयोग किया जाता है।
बेंगलुरु में विपक्षी दलों की बैठक में शामिल होगी AAP
कांग्रेस ने कहा कि आम आदमी पार्टी (AAP) बेंगलुरु में विपक्षी दलों की बैठक में शामिल होगी। रणनीति समूह की बैठक में शामिल होने वाले दो सदस्यों ने पुष्टि की कि अध्यादेश पर विस्तृत चर्चा हुई। एक नेता ने सुझाव दिया कि पार्टी का दृष्टिकोण केजरीवाल पर केंद्रित नहीं हो सकता है, लेकिन संघवाद के बड़े मुद्दों को ध्यान में रखना चाहिए।
एक नेता ने बताया कि नेताओं ने तर्क दिया कि कांग्रेस ऐसे अध्यादेश का समर्थन नहीं कर सकती, लेकिन दिल्ली अध्यादेश पर हमारा निर्णय संघीय ढांचे और राज्यपालों के आचरण के बड़े मुद्दों पर आधारित होना चाहिए। हमें केजरीवाल समर्थक के रूप में नहीं देखा जा सकता। बैठक में मौजूद एक अन्य नेता ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर कहा, ”अध्यादेश पर अपना रुख बताने के सवाल पर इसे पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पर छोड़ दिया गया है।”
राहुल गांधी की संसद से अयोग्यता का होगा विरोध
रणनीति बैठक में, कुछ नेताओं ने सुझाव दिया कि पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की संसद से अयोग्यता पर विरोध मानसून सत्र में भी जारी रहना चाहिए, क्योंकि इस मुद्दे ने बजट सत्र के दूसरे भाग को बाधित कर दिया था, लेकिन अभिषेक सिंघवी जैसे कुछ नेताओं ने कहा कि कोई राजनीतिक प्रदर्शन नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि मामला जल्द ही सुप्रीम कोर्ट में आने वाला है।
मणिपुर में अस्थिर स्थिति पर चर्चा करना पार्टी की सर्वोच्च प्राथमिकता
रमेश ने बाद में कहा कि डेढ़ घंटे की बैठक में पार्टी ने आगामी कानूनों और अन्य प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की। कांग्रेस ने छह प्रमुख मुद्दों की पहचान की है, जिसमें तीन मई से जातीय हिंसा की चपेट में आए मणिपुर में अस्थिर स्थिति पर चर्चा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। रमेश ने कहा, कांग्रेस इस बात पर अड़ी हुई है कि सबसे पहले मणिपुर पर चर्चा होनी चाहिए। प्रधानमंत्री को मणिपुर पर अपनी चुप्पी तोड़नी होगी और इस मुद्दे पर बोलना होगा। चर्चा पीएम की मौजूदगी में होनी चाहिए। उन्हें हमें बताना होगा कि केंद्र और राज्य सरकारें क्या कर रही हैं।
मानसून सत्र में इन मुद्दों को उठाएगी कांग्रेस
ओडिशा के बालासोर में हुए भीषण हादसे की पृष्ठभूमि में कांग्रेस रेल सुरक्षा का मुद्दा भी उठाएगी। रमेश ने कहा कि हमने देखा है कि वंदे भारत के नाम पर रेल सुरक्षा से कैसे समझौता किया गया है। रेल बजट अलग से नहीं रखा जाता और सांसद रेल मंत्रालय के कामकाज पर भी नहीं बोल सकते।
कांग्रेस धन शोधन निवारण अधिनियम (Prevention of Money Laundering Act) में वस्तु एवं सेवा कर (Goods and Services Tax) को शामिल करने, संघीय ढांचे पर हमला और पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार की ग्रामीण नौकरियों की गारंटी और अन्य कल्याणकारी योजनाओं को कमजोर करने को लेकर सरकार को घेरेगी।
कांग्रेस भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों की शिकायत का मुद्दा भी मानसून सत्र में उठाएगी।
कांग्रेस अदाणी समूह पर एक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की मांग करना जारी रखेगी। अदाणी को अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद शेयर बाजार में काफी नुकसान का सामना करना पड़ा था।
डिजिटल डेटा प्रोटेक्शन बिल का विरोध करेगी कांग्रेस
कांग्रेस मानसून सत्र में पेश होने वाले डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल का भी विरोध करेगी। रमेश ने कहा कि पिछले बिल के लिए एक समिति गठित की गई थी। इसने 92 सिफारिशें कीं, लेकिन उनमें से ज़्यादातर को नज़रअंदाज़ कर दिया गया। उन्होंने बताया कि इन मुद्दों के अलावा, हम वन कानूनों और जैव विविधता अधिनियम में संशोधन का भी विरोध करेंगे।