करनाल/समृद्धि पाराशर: करनाल कांग्रेस के जिला संयोजक त्रिलोचन सिंह ने करनाल का कल्पना चावला मेडिकल कालेज अव्यवस्थाओं के चलते चर्चा में है। हुड्डा सरकार के समय 800 करोड़ रुपए की लागत से कालेज का निर्माण करवाया गया था।
खेद की बात है कि यह कालेज अब सफेद हाथी बन कर रह गया है। मेडिल कालेज डाक्टरों की कमी से जूझ रहा है। आधुनिक मशीनों की किल्लत है और जो मशीनरी उपलब्ध हैं उन्हें चलाने के लिए डाक्टर और कर्मचारी उपलब्ध नहीं है।
रेडियोलोजिस्ट न होने की वजह से अल्ट्रासाउंड, सिटी स्कैन और एमआरआई मशीन धूल फांक रही है। त्रिलोचन सिंह ने कहा कि कल्पना चावला मेडिकल कालेज में आने वाले लोगों को इलाज के नाम तंग होना पड़ता है।
अमरजेंसी में आने वाले मरीजों को ज्यादातर रेफर कर दिया जाता है। सरकार और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कल्पना चावला के नाम को भी बदनाम करने का काम किया है।
रोजाना मीडिया में कल्पना चावला मेडिकल कालेज की विफलता का मुद्दा छाया रहता है। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज क्या सो रहे हैं? सीएम मनोहर लाल के विधानसभा क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाएं लचर हो गई हैं।
कोरोना महामारी ने फिर से दस्तक दे दी है। इसकी रोकथाम के लिए भी सरकार ने ठोस कदम अभी तक नहीं उठाए हैं। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि सरकार जनता को बचाने की बजाए उन्हें मरने के लिए छोड़ रही है।