हरियाणा/भव्या नारंग: हरियाणा सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप आत्मनिर्भर भारत के लिए अनुसंधान को प्रोत्साहित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद ने हरियाणा में राज्य वित्त पोषित और निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को पत्र लिखकर प्रस्तावित दिशानिर्देशों का पालन करने के लिए कहा गया है। इस प्रस्ताव में सीएम फ़ेलोशिप जिसमें विज्ञान, प्रौद्योगिकी, सामाजिक विज्ञान, मानविकी और समस्या-समाधान अनुसंधान शामिल है।

विभाग के प्रवक्ता ने इस संबंध में जानकारी साझा करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य व्यापक रूप से 4 स्पेक्ट्रम को कवर करना हैं। कृषि, उद्योग, सामाजिक व्यवस्था, अर्थव्यवस्था और प्रौद्योगिकी आदि सहित विभिन्न प्रणालियों के सामने आने वाली समसामयिक समस्याओं का समाधान खोज करना सबसे पहला है।

दूसरा नीति निर्माण और कार्यान्वयन के लिए प्रामाणिक डेटाबेस बनाना, इसके अतिरिक्त आजीविका के अधिक विकल्प बनाने के लिए विकास के क्षेत्रों का पता लगाना प्रमुख है। इस के तहत हरियाणा के युवा विज्ञान, प्रौद्योगिकी और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोगों के उभरते क्षेत्रों में अनुसंधान करेंगे।

उन्होंने कहा कि सैंतालीस परामर्शी बैठकों से विशिष्ट शोध विषयों की पहचान के प्रयास हुए है। विशेषज्ञों की सिफारिशों के बाद प्रत्येक परियोजना के लिए 75,000 रुपए से लेकर 1,00,000, रुपए तक की धनराशि परियोजना के आकार और दायरे के आधार पर निर्धारित की गई है। इसके अतिरिक्त, प्रायोजक संस्थान कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) की पहल के माध्यम से 25 प्रतिशत योगदान की मांग कर सकेंगे।

उन्होंने कहा कि परियोजना की पारदर्शिता सुनिश्चित करने और अनुसंधान प्रस्तुत करने के प्रारूप के विस्तृत दिशानिर्देशों के लिए इच्छुक पार्टियां परिषद की वेबसाइट https://hshec.org/ से जानकारी ले सकती हैं। यह पहल देश की शैक्षिक दृष्टि के अनुरूप आत्मनिर्भरता, नवाचार और समग्र विकास को बढ़ावा देने की हरियाणा की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *