दिल्ली/भव्या नारंग: भारतीय जनता पार्टी की संसदीय दल की बैठक मंगलवार को आयोजित की गई। मानसून सत्र के चौथे दिन लोकसभा की कार्रवाई शुरू होने के कुछ मिनट बाद ही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई वहीं राज्यसभा 12 तक के लिए स्थगित हुई।
राज्यसभा में दोबारा कार्रवाई शुरू होने पर विपक्ष लगातार नारेबाजी कर रहा है। सांसद प्रधानमंत्री चुप्पी तोड़ो के नारे लगा रहे हैं।
इस बैठक में पीएम मोदी ने विपक्षी दलों पर जमकर निशाना साधा और विपक्षी गठबंधन के नाम I.N.D.I.A की तुलना ईस्ट इंडिया कंपनी, पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और इंडियन मुजाहिद्दीन से की। कहा कि इससे जनता गुमराह नहीं होगी।
PM ने विपक्षी गठबंधन के नाम I.N.D.I.A पर कहा- जो लोग सत्ता चाहते हैं और देश को तोड़ना चाहते हैं वो ईस्ट इंडिया कंपनी और इंडियन मुजाहिदीन जैसे नाम रख रहे हैं। इनमें भी इंडिया आता है। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) में भी इंडिया नाम आता है, लेकिन लोग इससे गुमराह नहीं होंगे।
संजय सिंह के निलंबन पर भी हंगामा
AAP सांसद राघव चड्ढा ने राज्यसभा में संजय सिंह के निलंबन पर वोटिंग की अपील की, जिसे सभापति जगदीप धनखड़ ने खारिज कर दिया।तीसरे दिन की कार्रवाई के दौरान AAP के राज्यसभा सांसद संजय सिंह संसद में मणिपुर पर चर्चा और प्रधानमंत्री के बयान की बात उठाई थी।वे सभापति जगदीप धनखड़ के पास जाकर बहस करने लगे थे। इसके बाद उन्हें पूरे मानसून सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया।विपक्षी सांसदों ने इस फैसले के खिलाफ संसद में गांधी प्रतिमा के पास पूरी रात धरना दिया।
मानसून सत्र के बड़े अपडेट्स
लोकसभा में कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी और गौरव गोगोई ने मणिपुर के हालात पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया था।राज्यसभा में राजीव शुक्ल, राघव चड्ढा, रंजीत रंजन, इमरान प्रतापगढ़ी समेत कई सासंदों ने मणिपुर पर चर्चा के लिए रूल-267 के 51 नोटिस दिए हैं।
कोई टिप्पणी नहीं करूंगा- संजय सिंह
निलंबन के अगले दिन मंगलवार को संजय सिंह ने कहा, “प्रधानमंत्री मणिपुर मुद्दे पर चुप क्यों हैं? हम केवल संसद में आकर इस पर बोलने की मांग कर रहे हैं। निलंबन पर मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा, क्योंकि जगदीप धनखड़ राजनीति से जुड़े व्यक्ति नहीं हैं, उपराष्ट्रपति हैं। संसद में मणिपुर का मुद्दा उठाना हमारी जिम्मेदारी है।”
संजय सिंह के निलंबन का कारण
सोमवार को नियम 267 के तहत मणिपुर पर राज्यसभा में चर्चा की मांग के लिए नोटिस दिया था जो सभापति ने स्वीकार नहीं किया। सुबह सदन की कार्यवाही शुरू हुई लेकिन हंगामे की वजह से स्थगित कर दी गई है। फिर दोपहर 12 बजे से राज्यसभा में प्रश्नकाल शुरू हुआ।
संजय सिंह सभापति धनखड़ के आसन के पास जाकर बहस करने लगे। धनखड़ ने उन्हें वापस जाने के लिए कहा, लेकिन संजय सिंह नहीं माने। धनखड़ ने चेतावनी दी, लेकिन संजय पोडियम के पास खड़े बहस करते रहे। इसके बाद धनखड़ ने सरकार से संजय को सस्पेंड करने का प्रस्ताव लाने को कहा। मंत्री पीयूष गोयल प्रस्ताव लाए और उन्हें पूरे सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया।