हिमाचल सरकार ऐसी गलती नहीं करेगी, जो हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला से हुई थी। यह बात मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना के शुभारंभ अवसर पर मंगलवार को CM सुखविंदर सुक्खू ने कही।

उन्होंने कहा कि नौकरी से हटाए आउटसोर्स कर्मचारियों को लेकर कानून का अध्ययन किया जा रहा है। जो लोग कोरोना काल में लगे, उनके लिए कोई नीति नहीं पाई गई।

इन्हें कैसे और कहां एडजस्ट करना है। इस पर विचार कर रहे हैं। ओम प्रकाश चौटाला से भी थोड़ी सी गलती हुई थी।

उन्होंने इसकी सजा 10 साल जेल में रहकर भुगती है। इसलिए कानून के दायरे में रहकर ही सरकार कोई निर्णय लेगी।

दरअसल, हिमाचल सरकार ने 30 सितंबर को ही 1844 कोरोना वॉरियर्स और IGMC के 34 सुरक्षा कर्मियों की छुट्‌टी की है। इसे लेकर विपक्ष सुक्खू सरकार पर हमलावर है।

इस दौरान उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार पर तीखे हमले किए। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार ने प्रदेश का ही बेड़ा गर्क नहीं किया, सिस्टम का भी स्यापा पीटकर गई।

मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि 4500 करोड़ रुपए के स्पेशल पैकेज का जल्द प्रभावित परिवारों को लाभ मिलना शुरू होगा।

इसके लिए मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) तैयार की जा रही है। इसके फाइनल होते ही जिन लोगों के घर टूटे हैं, उन्हें 7 लाख रुपए दिए जाएंगे।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन पंचायत की ग्राम सभा में कोरम पूरा नहीं हुआ, वहां दोबारा ग्राम सभाएं बुलाई जाएगी। जिला परिषद कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर है।

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