करनाल/समृद्धि पराशर: करनाल का कल्पना चावला मेडिकल कालेज दलालों के चक्रव्यूह में फंस गया है। कमीशनखोर एजेंट आम आदमी की जिंदगी और मौत का सौदा कर रहे हैं। करनाल कांग्रेस के संयोजक त्रिलोचन सिंह ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पत्र लिख कर कल्पना चावला मेडिकल कालेज को दलालों के चंगुल से बचाने की मांग की है।
त्रिलोचन सिंह का कहना है कि शर्म की बात है कि सरकारी मेडिकल कालेज में जहां गरीबों को निशुल्क इलाज मिलना चाहिएं, वहां दलाल सक्रिय होकर उनकी जिदंगी का सौदा तक कर देते हैं। कुछएक निजी अस्पतालों के संचालकों ने मेडिकल कालेज में दलाल छोड़ रखे हैं जो कई सरकारी डाक्टरों के साथ मिलीभगत कर इस धंधे को अंजाम दे रहे हैं।
डाक्टर चंद पैसों के लालच में मरीजों को निजी अस्पतालों में शिफ्ट करने का फरमान जारी कर देते हैं। जो मेडिकल टेस्ट फ्री होते हैं, वही टेस्ट करवाने के लिए मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों और निजी कंपनियों के केंद्रों पर भेज दिया जाता है। त्रिलोचन सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल करनाल से विधायक भी हैं, लेकिन उन्होंने विधायक होने के नाते कभी करनाल की जनता की सुध नहीं ली।
स्वास्थ्य सेवाओं की गिनती मूलभूत सुविधाओं में होती है। मनोहर सरकार बेसिक सुविधाएं देने में भी विफल रही है। उन्होंने कहा कि कि हालांकि कल्पना चावला मेडिकल कालेज के निदेशक और कुछ डाक्टर ईमानदारी के साथ काम करने के लिए प्रयासरत हैं, लेकिन दलाल इनके कामोंं में भी रूकावट डालते हुए हावी हो रहे हैं।
कांग्रेस जिला संयोजक त्रिलोचन सिंह ने कहा कि हुड्डा सरकार ने करनाल में कल्पना चावला मेडिकल कालेज इसलिए बनवाया था ताकि यहां की जनता को अच्छा इलाज मिल सके और अंतरिक्ष परी डा. कल्पना चावला को सम्मान मिले। मनोहर सरकार ने कल्पना चावला मेडिकल कालेज को सामान्य अस्पताल से भी बदत्तर स्थिति में लाने का काम किया है।
अगर सीएम ने जल्द ठोस कदम नहीं उठाए तो करोड़ों रुपए की लागत से बना मेडिकल कालेज बंद होने की कगार पर आ जाएगा। सीएम से आग्रह करते हैं कि कल्पना चावला मेडिकल कालेज को दलालों के चंगुल से मुक्त करवाएं। करनाल का विधायक होने का दायित्व निभाएं।