करनाल/कीर्ति कथूरिया : घरौंडा के विधायक हरविंदर कल्याण ने चंडीगढ़ विधानसभा सत्र के दौरान विधानसभा में बाढ़ के विषय पर लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए यमुना नदी के बाढ़ बचाव की आगामी ठोस योजना बनाने के लिए एक राज्य स्तरीय कमेटी के गठन की मांग की।

विधानसभा में पेश किए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव में उन्होंने कहा कि जुलाई महीने में भारी वर्षा के कारण हथनी कुंड बैराज से 360000 क्युसिकस पानी छोडा गया था जिसके कारण यमुना नदी के बांध के अंदर का पूरा क्षेत्र जलमग्न हो गया था और कुछ स्थानों पर बाढ़ का पानी ठोकरों तथा बांध को तोडकर खेतों व आबादी क्षेत्र में भी चला गया था जिससे यमुना क्षेत्र के किसानों की फसलों तथा जान-माल का भारी नुकसान हुआ है ।

उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र में बाँध के अन्दर पानी से काफी उपजाऊ भूमि के कटाव होने का भी ज़िक्र किया जिससे सैकडों एकड खेती योग्य भूमि नदी में समा गई है और नदी का बहाव कई स्थानों पर बिल्कुल बांध के नज़दीक बहने लगा है। उन्होंने प्रस्ताव में स्पष्ट रूप से कहा कि बाँध के ऊपर तथा बाँध तक पक्के रास्ते ना होने के कारण भी बाढ बचाव कार्यो में देरी होती है जिसके चलते बाँध की पटरी का भी पक्का होना ज़रूरी है। घरौंडा विधायक हरविंदर कल्याण ने कहा कि भविष्य में लोगों को बाढ की मार से बचाने के लिए प्रभावी बाढ बचाव की योजना बनाई जानी चाहिए।

विधायक कल्याण ने विधानसभा में सरकार को सुझाव दिया कि यमुना क्षेत्र के लिए ‘‘राज्य स्तरीय समिति’’ बनाकर एक ठोस योजना बनाई जाए ताकि यमुना नदी के बांध को मजबूत किया जा सके । उन्होंने कहा कि योजना बनाने में उत्तरप्रदेश द्वारा किए गए बाढ बचाव कार्यों का भी अवलोकन होना चाहिए और आईआईटी रूढकी की नदी व बाढ़ विशेषज्ञ टीम की भी सलाह ली जानी चाहिए।

विधानसभा में बोलते हुए विधायक कल्याण ने घरौंडा के गांव लालूपुरा में यमुना बाँध को बचाने के लिए 15 दिनों तक प्रशासन द्वारा की गई कड़ी मशक़्क़त का ज़िक्र किया और उस दौरान बचाव कार्यों में आई दिक़्क़तों और लोगों को हुए नुक़सान के बारे मैं भी जानकारी दी।

बाद में उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने विधानसभा में सरकार की ओर से बाढ़ के विषयों पर आए हुए सभी ध्यानाकर्षण प्रस्तावों पर जवाब देते हुए कहा कि बाढ़ बचाव की ठोस योजना बनाने के लिए सरकार के सभी ईआईसी की संयुक्त अध्यक्षता में कमेटी बनाई जाएगी। उन्होंने विधायक कल्याण के एक दूसरे सुझाव पर भी सहमति जताते हुए कहा कि बेहतर योजना बनाने के लिए रुड़की आईआईटी के बाढ़ व नदी विषयों के विशेषज्ञों की भी सरकार द्वारा सलाह ली जाएगी।

 

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