हरियाणा में बढ़ती अनाज चोरी को रोकने के लिए सरकार ने बड़ा फैसला किया है। विभाग ने अब अनाज चोरी रोकने के लिए लगभग 25 हजार ट्रकों के लिए GPS ट्रैकिंग प्रणाली शुरू करने का निर्णय लिया है।
इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट के तहत, अनाज ले जाने वाले वाहन चालकों, मुख्य रूप से गेहूं और चावल, की जबाब देही तय हो सकेगी। इस प्रोजेक्ट के लिए सरकार 37.5 लाख रुपए खर्च करेगी।
सरकार ने इस प्रोजेक्ट के लिए निविदाएं निकाली हैं, जो अंतिम चरण में हैं। ट्रैकिंग प्रणाली भारत सरकार के नियमों के तंत्र का एक हिस्सा है।
खाद्यान्न विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि इससे अनाज की आवाजाही पर नजर रखने में मदद मिलेगी। यह भी सुनिश्चित होगा कि अनाज चोरी, डायवर्जन और खराब हुए बिना अपने तय गंतव्य तक पहुंचें।
इसके अलावा, यह ट्रक की यात्रा का विस्तृत रिकॉर्ड प्रदान करेगा, जिससे मामलों की तुरंत जांच और समाधान करने में मदद मिलेगी।
ट्रैकिंग प्रणाली अनाज के रिसाइकिलिंग और फर्जी बिलिंग को रोकने और पारदर्शी खरीद सुनिश्चित करने में भी काफी मदद करेगी। ट्रैकिंग सिस्टम हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर और संचार प्रौद्योगिकियों का एक संयोजन था।
अधिकारी ने बताया कि निगरानी प्रणाली के हिस्से के रूप में, मानचित्र पर वाहनों की वास्तविक समय की प्लॉटिंग के लिए एक मानचित्र प्रणाली को सॉफ्टवेयर में एकीकृत किया जाएगा, जिसे निगरानी केंद्रों द्वारा ट्रैक किया जा सकता है।