पंचकूला/भव्या नारंग: खेलो इंडिया यूथ गेम के सफल आयोजन के बाद शिवालिक की तलहटियों में बसा पंचकूला सांस्कृतिक व खेलों की पहचान बन चुका है और अब नशामुक्त हरियाणा का प्रतीक भी बनेगा। इस कड़ी में नशामुक्ति का संकल्प लेते हुए और देशभक्ति के ‘रंग दे बसंती‘ थीम के साथ राहगिरी कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें पंचकूला के लोगों ने हजारों की संख्या में भागीदारी की। कार्यक्रम में महिलाओं, स्कूली बच्चों व प्रबुद्ध लोगों ने भारी संख्या में उपस्थिति दर्ज करते हुए नशामुक्ति, पर्यावरण संरक्षण, बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं सहित नो प्लास्टिक यूज का संकल्प लिया। इस कार्यक्रम में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करते हुए यह संकल्प दिलवाया। इस कार्यक्रम में हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता, मेयर कुलभूषण गोयल सहित कई अन्य गणमान्य उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने साइकिलिंग के साथ कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए कहा कि हरियाणा पुलिस के सहयोग से राहगिरी कार्यक्रम शुरू किया गया था।पंचकूला में राहगिरी का यह उनका दूसरा कार्यक्रम है।
कोविड-19 के कारण राहगिरी कार्यक्रम नहीं हो सका था अब यह कार्यक्रम नियमित चलेगा।
आज पूरे प्रदेश के अलग-2 शहरों में राहगिरी का कार्यक्रम किया जा रहा है।उन्होंने कहा कि राहगिरी जैसे कार्यक्रम हमें तनाव से मुक्त करते हुए स्वास्थ्य लाभ देते हैं। मन स्वस्थ रहेगा तो हर व्यक्ति ठीक रहेगा।मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी प्रकार का एक कार्यक्रम साइक्लोथॉन एक सितंबर से करनाल से आरंभ होगा।25 दिन तक यह कार्यक्रम पूरे प्रदेश से गुजरते हुए यमुनानगर में संपन्न होगा।
राहगिरी कार्यक्रम का थीम ही इस वर्ष ‘रंग दे बसंती‘ रखा गया है जिसका उद्देश्ययुवाओं में देशभक्ति की भावना को बल देना है।पंचकूला के लगभग सभी स्कूलों के विद्यार्थियों के हाथों में तिरंगा लेकर कार्यक्रम को खूबसूरत बनाया।मुख्यमंत्री भी स्वयं को नहीं रोक पाए और उन्होंने मंच पर ‘रंग दे बसंती’ गीत गाकर युवाओं की हौसला अफजाई की।उन्होंने कहा कि इस थीम का भाव देश के प्रति कर्त्तव्य निभाने का प्रतीक है।उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में उपस्थित सभी स्कूल व कॉलेजों के विद्यार्थी अभी पढ़ाई कर रहे है और उन्हें जीवन में आगे बढ़ने का संकल्प लेना चाहिए।‘कुछ करेंगे तो बड़ा करेंगेश् इसी लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ना चाहिए। इसमें माता-पिता, अध्यापक, समाज सभी का सहयोग होता है।
कार्यक्रम में देशभक्ति व स्वास्थ्य लाभ संबंधी 37 स्टॉल लगाए गए थे।कई महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा अपने उत्पादों को प्रदर्शनी में दर्शाया गया था।
मुख्यमंत्री ने स्वयं रीयूजेबल बैग के स्टॉल पर जाकर लोगों को ‘नो प्लास्टिक यूज’ का संदेश दिया।उन्होंने कहा कि प्रदेश में 55 हजार से अधिक स्वयं सहायता समूह है और वे अपने उत्पादों के माध्यम से आत्मनिर्भरता का संदेश भी देते