दिल्ली/कीर्ति कथूरिया : “लाल डायरी” राजस्थान की राजनीति में एक बड़ी संवादनशील समस्या है, जिसमें भ्रष्टाचार और सत्ता में रहने वाली व्यक्तियों के बीच संबंध का उल्लेख है। यह मामला तब सामने आया जब राजेंद्र गुढ़ा का मंत्री पद से बर्खास्त होने के बाद उन्होंने खुलासा किया कि वे लाल डायरी को सुरक्षित कर रहे थे, जिसमें अशोक गहलोत, राजस्थान के मुख्यमंत्री, के खिलाफ कुछ गंभीर आरोप हैं।
भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) ने इस मामले को अपने फायदे में इस्तेमाल किया और राजस्थान की कांग्रेस सरकार पर हमलावर हो गई। यह माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव के दौरान, भा.ज.पा. इस मुद्दे को प्रमुख रूप से उठा सकती है और कांग्रेस पार्टी के खिलाफ इसे एक प्रमुख चुनावी मुद्दा बना सकती है।
इस पूरे मामले में कपिल सिब्बल, एक प्रमुख अधिवक्ता और सांसद, ने भी अमित शाह, केंद्रीय गृह मंत्री, पर सवाल उठाए हैं और उन्हें लाल डायरी पेश करने के लिए कहा है। इससे स्पष्ट है कि लाल डायरी एक हॉट टॉपिक है जिस पर विभिन्न पक्ष अपनी-अपनी राय और अभिप्रेत रख रहे हैं।