हरियाणा/भव्या नारंग: हरियाणा के विकास एवं पंचायत मंत्री देवेंद्र सिंह बबली ने कहा कि रक्षा बंधन हमारे समाज का एक ऐतिहासिक , सांस्कृतिक और महत्वपूर्ण त्योहार है। यह न केवल भाई-बहन के प्यार का प्रतीक है, बल्कि यह हमें एक दूसरे के साथी और सहायक के रूप में मिलने और समर्थन करने का संकेत भी है।

विकास एवं पंचायत मंत्री देवेन्द्र सिंह बबली ने रक्षाबंधन के अवसर पर सक्षम महिला क्लस्टर संगठन द्वारा टोहाना के गांव बिढ़ाईखेड़ा में आयोजित कार्यक्रम में आठ करोड़ 73 लाख रुपये के चेक वितरित किए। इस दौरान उन्होंने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से राखी भी बंधाई। उन्होंने एलपीजी गैस सिलेंडर को सस्ता करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद किया।

उन्होंने रक्षा बंधन की बधाई देते हुए कहा कि रक्षाबंधन हमारे समाज में भाइयों और बहनों के बीच प्रेम एवं स्नेह के बंधन को अभिव्यक्त करता है। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला का धन्यवाद करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार ने महिलाओं को रक्षाबंधन का तोहफा देते हुए हरियाणा परिवहन की बसों में दो दिन निःशुल्क बस यात्रा सुविधा का तोहफा देने का निर्णय लिया है ताकि बहनें अपने भाइयों के घर जाकर उन्हें राखी बांध सकें। उन्होंने कहा कि आजकल की जिंदगी इतनी व्यस्त और तनावपूर्ण हो गई कि हम कई बार आपने प्रियजनों के लिए समय नहीं निकाल पाते, इसलिए रक्षा बंधन एक ऐसा मौका है जब हमें अपने परिवार और प्यारे लोगों के साथ समय बिताने का अवसर मिलता है।

विकास एवं पंचायत मंत्री ने कहा कि महिलाओं के सामूहिक विकास के लिए सरकार द्वारा समय समय पर विभिन्न कार्यक्रम चलाए जा रहें है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने महिलाओं को पंचायत में 50 आरक्षण देकर सशक्त बनाने की दिशा में काम किया है। इसी प्रकार राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, जोकि भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय का गरीबी उन्मूलन का सबसे प्रमुख कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण भारत के गरीब परिवारों की महिलाओं को संगठित करके विभिन्न स्तरीय संगठनों के माध्यम से उन्हें सशक्त बनाकर परिवार व समाज में प्रत्येक स्तर पर लिये जाने वाले निर्णयों में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करके उन्हें आर्थिक, सामाजिक, शैक्षणिक व राजनीतिक तौर पर आत्मनिर्भर बनाना है। साल 2014 में जिला फतेहाबाद में इसकी शुरूआत की गई। तब से लेकर अब तक हमारे जिले के सभी सातों खंडों में कुल 3724 स्वयं सहायता समूह बन चुके हैं, जिसमें 38164 ग्रामीण गरीब महिला परिवारों को जोड़ा गया है। स्वयं सहायता समूहों का निर्माण और संवर्धिकरण कर 272 ग्राम संगठनों का गठन किया गया है तथा इन ग्राम संगठनों को मिलाकर जिला में कुल 13 महिला क्लस्टर संगठन अब तक बनाए जा चुके हैं जिसके माध्यम से ग्रामीण गरीब परिवार की महिलाओं को आर्थिक सामाजिक और राजनीतिक रूप से सशक्त किया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *