चंडीगढ़/कीर्ति कथूरिया :  हरियाणा के मुख्य सचिव, संजीव कौशल ने कहा कि राज्य सरकार ने यमुनानगर में दीन बंधु छोटूराम थर्मल पावर प्लांट में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से उपचारित अपशिष्ट जल का पुनः उपयोग करने की पहल शुरू की हैं।

कौशल ने आज यहां राज्य स्तरीय हाई पावर कमेटी की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने उपचारित अपशिष्ट जल का पुनः उपयोग नीति अधिसूचित की है।

इस नीति का उद्देश्य तेजी से घटते जल स्तर के कारण जल संसाधनों का संरक्षण और अनुकूल उपयोग करना है। यह नीति थर्मल प्लांट, उद्योग, निर्माण, बागवानी और सिंचाई सहित विभिन्न क्षेत्रों में उपचारित अपशिष्ट जल का बड़े स्तर पर उपयोग करती है।

विशेष रूप से सरकार ने अब अनिवार्य कर दिया है कि नगरपालिकाओं के 60 किलोमीटर के दायरे में थर्मल प्लांटों को सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट उपचारित अपशिष्ट जल को संचालन में शामिल करना होगा।

बैठक में दीनबंधु छोटू राम थर्मल पावर प्लांट यमुनानगर में उपचारित अपशिष्ट जल के प्रबंधन के लिए तैयार की गई विस्तृत परियोजना रिपोर्ट पर विस्तार से चर्चा की गई।

इसमें विभिन्न गैर-पीने योग्य अनुप्रयोगों जैसे कूलिंग टॉवर मेकअप, राख हैंडलिंग, कोयला हैंडलिंग और ग्रिप गैस डिसल्फराइजेशन के लिए यमुनानगर के एसटीपी से उपचारित अपशिष्ट जल का पुनः उपयोग करने की योजना बनाई है।

कौशल ने निर्देश दिये कि अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त आयुक्त, राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग के नेतृत्व में एक उप-समिति डीपीआर का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन करेगी तथा उपचारित अपशिष्ट जल के उपयोग के लिए अतिरिक्त संभावनाएं तलाशेगी और जनता के अधिकारियों को निर्देशित करेगी ताकि जन स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग निर्धारित समय सीमा के अन्दर प्रस्ताव को शीघ्रता से अंतिम रूप दे सकें।

बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त आयुक्त, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन और चकबंदी विभाग, टी.वी.एस.एन प्रसाद, एसीएस, वन, विनीत गर्ग, एसीएस, वित्त, अनुराग रस्तोग, एसीएस, पीएचईडी ए.के. सिंह, एसीएस, नगर एवं ग्राम नियोजन तथा शहरी संपदा विभाग, अरुण गुप्ता, एसीएस, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, मती जी. अनुपमा, आयुक्त एवं सचिव, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग, पंकज अग्रवाल, आयुक्त एवं सचिव, शहरी स्थानीय निकाय विभाग विकास गुप्ता और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।

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