नई दिल्ली/समृद्धि पराशर: नेहरु मेमोरियल म्यूजियम का नाम बदलकर प्रधानमंत्री संग्रहालय करने पर संजय राउत ने केंद्र के कदम का विरोध किया है। राउत ने कहा कि देश को बनाने के साथ आजादी की लड़ाई में नेहरू का योगदान भुलाया नहीं जा सकता ये सब नफरत की भावना से हुआ है।

नेहरू मेमोरियल म्यूजियम का नाम बदलने के बाद से देश की राजनीति गरमाई हुई है। कांग्रेस नेताओं के साथ विपक्ष के दूसरे नेता भी केंद्र सरकार के इस कदम को गलत बता रहे हैं। इस बीच शिवसेना (यूबीटी नेता) संजय राउत ने भी केंद्र के इस कदम का विरोध किया है।

संग्रहालय का नाम बदलने की जरूरत नहीं थी
नेहरु मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय सोसायटी का नाम बदलकर प्रधानमंत्री संग्रहालय करने पर संजय राउत ने कहा- पंडित नेहरू ने देश को बनाने के साथ आजादी की लड़ाई में भी योगदान दिया था, जिसे भुलाया नहीं जा सकता। देश में कई प्रधानमंत्री हुए और सभी ने देश के लिए काम किया है, लेकिन संग्रहालय का नाम बदलने की जरूरत नहीं थी। नेहरू के नाम से ही संग्रहालय चल सकता था। उसी में आप बड़ा स्थान सभी को दे सकते थे।

नेहरू से नफरत के कारण उठाया गया कदम
राउत ने कहा कि पंडित नेहरू से नफरत के कारण ये किया गया है। उन्होंने कहा, ‘मैं मानता हूं कि दूसरे पीएम के योगदान को दिखाया जाना चाहिए। इसके लिए एक खंड बनाया जा सकता है, जहां अन्य प्रधानमंत्रियों के योगदान को प्रदर्शित किया जा सकता है, लेकिन संग्रहालय का नाम बदलने की कोई आवश्यकता नहीं थी।

मल्लिकार्जुन खरगे ने भी जताई नाराजगी
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी केंद्र द्वारा नेहरू मेमोरियल म्यूजियम का नाम बदलने पर नाराजगी जताई थी। खरगे ने कहा कि जिनका कोई इतिहास नहीं है, वो दूसरों का इतिहास मिटाने पर लगे हैं। उन्होंने कहा कि नाम हटाने से किसी की शख्सियत कम नहीं होने वाली है।

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