पूरे हरियाणा में ई टेंडरिंग के खिलाफ सरपंचों का विरोध देखने को मिल रहा है, सरपंच गुस्से में है, क्योंकि उन्होंने कई बार सरकार के नाम प्रशासन को ज्ञापन दे दिए हैं , कई बार रैलियों का भी विरोध भी किया है , इतना ही नहीं सरपंचों ने कई बार अपने सम्मेलन भी कर लिए हैं पर अभी तक कोई हल नहीं निकला है।

सरपंचों का कहना है कि एक तो जो उन्हें पहले 20 लाख रुपए मिलते थे गांव पर खर्च करने के लिए वो अब सरकार ने महज 2 लाख कर दिए हैं और 2 लाख में होता कुछ नहीं है ऐसे में सरकार को वो बढ़ाकर 20 लाख कम से कम दोबारा करने चाहिए , इतना ही नहीं ई टेंडरिंग का जो सरकार का का निर्णय है वो भी सरकार वापिस ले , अगर कोई भी टेंडर होता है तो उसमें सरपंच की भी भूमिका होनी चाहिए । वहीं सरपंच राइट टू रिकॉल का भी विरोध कर रहे हैं।

सरपंचों का सबसे ज्यादा गुस्सा पंचायत मंत्री देवेंद्र सिंह बबली के खिलाफ है, बबली के खिलाफ सरपंचों ने नारे भी लगाए। आज सरपंचों ने बीजेपी के विधायक हरविंदर कल्याण को एक ज्ञापन सौंपा है, उन्होंने कई मांगें उस ज्ञापन में रखी हैं और उन्होंने कहा कि आप हमारी मांग विधानसभा में उठाएं, विधानसभा का बजट सत्र आ रहा है और इस सत्र में आप सरकार के मंत्रियों तक हमारी बात पहुंचाएं। वहीं सरकार का कहना हैं कि ई टेंडरिंग के जरिए पारदर्शिता आएगी।


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