करनाल/समृद्धि पराशर: सुमिता सिंह पूर्व विधायक करनाल ने दिल्ली में पहलवानों के समर्थन में शांति मार्च को पुलिस के रोकने पर व जबरदस्ती की कड़े शब्दों में निंदा की। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार डरी हुई है पहलवानों को इंसाफ मांगने के लिए पहले तो जंतर मंतर पर धरने पर बैठना पड़ा उसके बाद एक F.I.R. लिखवाने के लिए उन्हें कोर्ट जाना पड़ा।

शांतिपूर्ण तरीके से महिला महापंचायत का आयोजन देश की चुनिंदा खिलाड़ियों ने किया जिन्होंने देश का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया।उन्होंने कहा कि एक तरफ प्रजातंत्र के मंदिर संसद के नये भवन का उद्घाटन हो रहा था, दूसरी तरफ उससे चंद कदमों की दूरी पर प्रजातांत्रिक तरीके से न्याय की मांग कर रही अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में देश का नाम रोशन करने वाली खिलाड़ी बेटियों की आवाज़ को कुचला जा रहा था।

उन्होंने सवाल किया कि प्रजातंत्र का ये कौन सा स्वरूप है? क्या देश के गौरव को इसलिये रौंदा जा रहा है क्योंकि आरोपी भाजपा का सांसद है? हरियाणा में भाजपा के खेल मंत्री पर इसी प्रकार के आरोप हैं, लेकिन इतने दिनों से कोई कार्रवाई नहीं हुई। सरकार को हठधर्मिता छोड़कर देश की बेटियों को न्याय दिलाकर राजधर्म का पालन करना चाहिए। सुमिता सिंह ने कहा कि 9 साल में बीजेपी सरकार ने हरियाणा को विकास की पटरी से उतार कर भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दिया।

हरियाणा में हर वर्ग इस सरकार से त्रस्त हो चुका है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री 9 साल तक गांवों में गए नहीं, उनको अपनी तारीफ सुनने की आदत हो गई है। जब कोई भी समस्या लेकर आता है तो उसकी समस्या का समाधान करने की बजाय धक्के मारने और पिटवाने का आदेश देते हैं।

जनसंवाद के नाम पर जन अपमान कार्यक्रम चलाया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि अब चुनावी साल में वोट मांगने के लिए सरकार को गांवों की याद आई है। उन्होंने कहा कि हिमाचल और कर्नाटका के चुनाव नतीजों से शायद भाजपा के नेता बौखला गए हैं।

इसलिए वे जनता को ही धक्के मारने, पिटवाने की भाषा का प्रयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल और कर्नाटका तो झांकी है, पूरी पिक्चर हरियाणा में दिखाना बाकी है।

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