नई दिल्ली/समृद्धि पराशर: कई विपक्षी पार्टियों ने देशभर में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू कराने की बात पर सरकार के सुर में सुर मिलाया है। शिवसेना (ऊद्धव गुट) और आम आदमी पार्टी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड को देशभर में लागू करने का समर्थन किया है। वहीं फारूक अब्दुल्ला ने इस मामले पर दिलचस्प बयान दिया है। बता दें कि कांग्रेस सहित कई विपक्षी पार्टियों ने इस कानून को लागू करने का विरोध किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 जून को भोपाल में भाजपा के 10 लाख बूथ कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए देशभर में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) जल्द लागू करने की वकालत की थी। पीएम मोदी के इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारे में हलचल मच गई।
सवाल ये भी उठ चुका है कि क्या आगामी संसद के मानसून सत्र में यूनिफॉर्म सिविल कोड बिल को पेश किया जाएगा? इन्हीं अटकलों के बीच इस मामले पर राजनेताओं द्वारा लगातार टिप्पणी की जा रही है।
मोदी सरकार को मिला उद्धव और एनसीपी का साथ
गौरतलब है कि कई विपक्षी पार्टियां, जो अमूमन सरकार की ज्यादातर नीतियों के खिलाफ खड़े रहते हैं, उन्होंने भी देशभर में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू कराने की बात पर सरकार के सुर में सुर मिलाया है। शिवसेना (ऊद्धव गुट) और आम आदमी पार्टी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड को देशभर में लागू करने का समर्थन किया है।
शिवसेना (यूबीटी) ने कहा कि महज शरिया का विरोध यूसीसी का आधार नहीं हो सकता है। अपने मुखपत्र सामना में छपे एक लेख में पार्टी ने कहा कि यूसीसी का मतलब सभी के लिए कानून और न्याय में समानता होना भी है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने कहा कि वे ना तो यूनिफॉर्म सिविल कोड का समर्थन करते हैं और न ही इसका विरोध।
देश विविधताओं से भरा है: फारूक अब्दुल्ला
इसी बीच नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने गुरुवार को कहा कि केंद्र को समान नागरिक संहिता लाने से पहले यह विचार करना चाहिए कि देश विविधताओं से भरा है।
उन्होंने आगे कहा,सभी धर्मों, भाषाओं और विचारधाराओं के लोग इस देश में रहते हैं।” जहां तक मुसलमानों की बात है, उनके पास भी अपने शरीयत कानून हैं। सरकार को किसी भी आने वाले तूफान के बारे में सोचना चाहिए जो इस दिशा में कदम उठाने (यूसीसी को लागू करने) से आएगा।
कांग्रेस और कई पार्टियों ने किया विरोध
बता दें कि पीएम मोदी द्वारा यूनिफॉर्म सिविल कोड की वकालत किए जाने पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी।
कांग्रेस नेता तारिक अनवर ने कहा,जब कोई कानून बनता है तो वह सभी के लिए होता है और उन्हें उसका पालन करना होता है। फिर उस बिल पर चर्चा करने की क्या जरूरत है जो पहले ही पारित हो चुका है?
वहीं, जेडीयू नेता केसी त्यागी ने भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा,”समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर सभी राजनीतिक दलों और हितधारकों को शामिल किया जाना चाहिए। बीजेपी सिर्फ वोट बैंक की राजनीति करती है।