करनाल/कीर्ति कथूरिया : सतलुज यमुना लिंक नहर के मामले में सर्वोच्च न्यायालय के आज के आदेश के बाद हरियाणा वासियों ख़ासकर दक्षिण हरियाणा के लोगों के मनों में एक बार पुनः रावी व्यास के पानी की आशा जगी है ।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डॉ वीरेंद्र सिंह चौहान ने आज यहाँ जारी एक वक्तव्य में कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के आज के निर्देश के बाद पंजाब की आम आदमी सरकार और उसके सियासी आका अरविंद केज़रीवाल को समझ में आ जाना चाहिए कि नहर तो बन कर रहेगी और हरियाणा को उसके हिस्से का पानी देना भी पंजाब के लिए अब अनिवार्य हो गया है। डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि असल में यह मामला राजनीतिक नफ़े-नुक़सान के व्याकरण और अंकगणित से बाहर निकलना चाहिए।
पंजाब नहर बनाने और पानी देने से बचने के लिए अब तक हर क़ानूनी-ग़ैर क़ानूनी दांव पेंच आज़मा चुका है। पंजाब की सुनवाई बरसों तक करने के बाद भी सर्वोच्च न्यायालय ने बार बार यही कहा है कि नहर बनायी जाए और हरियाणा को उसके हिस्से का पानी मिले।
डॉ वीरेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि सतलुज यमुना लिंक नहर का हरियाणा का भाग कई दशकों से बनकर तैयार है। पंजाब में नहर का नामो निशान वहाँ की सरकारों ने नहीं छोड़ा। वहाँ की ज़मीनी स्थिति का सर्वेक्षण तय समय सीमा में केंद्र सरकार को करना हैं और अब पंजाब से उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि इस काम में वह केंद्र सरकार की मदद करें।
भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता ने कहा कि हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद कई वर्षों से सुप्रीम कोर्ट में लंबित इस मामले की दमदार ढंग से पैरवी हुई और उसी का नतीजा है कि हम अब समाधान की तरफ़ मज़बूती से बढ़ते नज़र आ रहे हैं।