मुख्यमंत्री की धर्म पत्नी सुमन सैनी ने कहा कि कुरुक्षेत्र की इस पावन धरा पर पांव रखते ही आध्यात्मिकता और भगवान श्रीकृष्ण के आशीर्वाद की अनुभूति होती है। इस धरा पर हजारों वर्ष पूर्व भगवान श्रीकृष्ण ने गीता के उपदेश दिए जो आज भी पूर्णता: प्रासंगिक है। इन उपदेशों का अनुसरण करने के लिए पूरे विश्व के नागरिकों को भी प्रेरित और जागरूक करने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री की धर्म पत्नी सुमन सैनी शुक्रवार को देर सायं अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड की तरफ से ब्रह्मसरोवर पुरुषोत्तमपुरा बाग में आयोजित महाआरती व महापूजन कार्यक्रम में अपने मन के भाव व्यक्त कर रहे थे। इससे पहले मुख्यमंत्री की धर्म पत्नी सुमन सैनी, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष धर्म पत्नी गीता कौशिक, चेयरमैन धर्मवीर मिर्जापुर, भाजपा जिला अध्यक्ष सुशील राणा, केडीबी मानद सचिव उपेंद्र सिंघल, 48 कोस तीर्थ निगरानी कमेटी के चेयरमैन मदन मोहन छाबड़ा, मंडल अध्यक्ष हरीश अरोड़ा, हरमेश सैनी, तुषार सैनी, लाडी पाल, अनु चक्रपाणी, रेखा वाल्मीकि, परमजीत कौर कश्यप, अन्नु मालयान, हैप्पी विर्क, महेश पारचा, सुमन सैनी, केडीबी सदस्य विजय नरूला, कैप्टन परमजीत सिंह, डा. ऋषिपाल मथाना, एमके मोदगिल, अशोक रोशा, प्राधिकरण के सदस्य सौरभ चौधरी, डा. प्रीतम सिंह सहित अन्य गणमान्य लोगों ने महापूजन व महाआरती में भाग लिया।
उन्होंने कहा कि पवित्र ग्रंथ गीता के उपदेशों से पूरी मानवता को शांति का संदेश मिल रहा है। इस ग्रंथ के उपदेश कलयुग के ही नहीं अपितु भविष्य के लिए भी पूरी तरह प्रासंगिक है। इस ग्रंथ के उपदेशों का अनुसरण करते हुए एक-दूसरे को समझने का प्रयास करना चाहिए और पूरे विश्व को शांति की राह पर आगे बढ़ना चाहिए। इस ग्रंथ के उपदेशों को समझने के साथ-साथ अपने जीवन में धारण करने की जरूरत है। इन उपदेशों का अनुसरण करके ही कोई भी देश तरक्की की राह पर आगे बढ़ सकता है। इस ग्रंथ के उपदेशों से मन शुद्ध होता है और जब मन शुद्ध होगा तो धर्म जाति को भूलकर मानवता के सूत्र में बंध जाएगा। जब पूरी मानवता एक सूत्र में बंध जाएगी तो निश्चित ही विश्व में शांति स्थापित होगी।

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