मुख्यमंत्री की धर्म पत्नी सुमन सैनी ने कहा कि देश की सांस्कृतिक विरासत व लुप्त हो रही मेलो की परम्पराओं को अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव ने सहेजने का काम किया हैं। इस महोत्सव में देश विदेश से लाखों लोग कुरूक्षेत्र पहुंचते हैं। इससे कुरुक्षेत्र के व्यापारियों, छोटे दुकानदारों को भी आर्थिक रूप से फायदा होता है। अब यह महोत्सव कुरूक्षेत्र ही नहीं हरियाणा के लिए बड़ा त्योहार बन चुका हैं। इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, केन्द्रीय मंत्री मनोहर लाल को जाता हैं।
मुख्यमंत्री की धर्म पत्नी सुमन सैनी शुक्रवार को देर सांय: कुरूक्षेत्र विकास बोर्ड कार्यालय के परिसर में पत्रकारों से बातचीत कर रही थी। इससे पहले मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी का पहली बार केडीबी में पहुंचने पर मानद सचिव उपेन्द्र सिंघल, जिला अध्यक्ष सुशील राणा, चेयरमैन धर्मवीर मिर्जापुर, प्राधिकरण के सदस्य सौरभ चौधरी, केडीबी सदस्य डॉ ऋषिपाल मथाना, एमके मोदगिल, कैप्टन परमजीत सिंह, अशोक रोशा, विजय नरूला ने पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया और अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के साथ-साथ कुरूक्षेत्र विकास बोर्ड तमाम उपलब्धियों की जानकारी भी दी हैं। इसके उपरांत मुख्यमंत्री की धर्म पत्नी सुमन सैनी ने उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक कला केन्द्र पटियाला की तरफ से लगाए गए शिल्प मेले का अवलोकन किया। इस मेले में सीएम की धर्मपत्नी सुमन सैनी ने शिल्पकारों से बातचीत करने के साथ-साथ उनकी शिल्पकला को भी बारीकी से देखा।
उन्होंने प्रदेशवासियों को अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव-2024 की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि केंद्र व प्रदेश सरकार के प्रयास अब रंग लाने लगे हैं। यह महोत्सव अब आमजन का दीपावली जैसा त्योहार बन गया हैं। इस महोत्सव का बड़े स्तर का आयोजन वर्ष 2019 से किया गया। अब इस महोत्सव में हर वर्ष लाखों की संख्या में पर्यटक और श्रद्धालु कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर पहुंचते हैं। इस महोत्सव में पर्यटकों को कला, संस्कृति और संस्कारों का संगम देखने को मिलता हैं। इस महोत्सव से न केवल प्रदेश की प्राचीन संस्कृति, संस्कारों और शिक्षा को सहेजने का काम किया गया है अपितु लोक कलाकारों और शिल्पकारों के लिए भी यह महोत्सव वरदान साबित हुआ हैं। इस महोत्सव को लगातार बड़े स्तर पर मनाया जाएगा ताकि देश की भावी पीढ़ी पवित्र ग्रंथ गीता के उपदेशों के साथ जुड़ सकें।
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