दिल्ली ब्लास्ट के आतंकी डॉक्टरों की ‘पनाहगार’ रही फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) का शिकंजा कस गया है।

ED ने बुधवार को यूनिवर्सिटी के चेयरमैन जवाद को साकेत कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने दलीलें सुनने के बाद जवाद को 13 दिन की रिमांड पर ED को सौंप दिया।

ED के मुताबिक सिद्दीकी का परिवार खाड़ी देशों में बसा है। वह भी विदेश भागने की तैयारी में था। अगर उसे गिरफ्तार नहीं किया जाता तो वो विदेश भागकर जांच से बच सकता था। सबूत मिटा सकता था।

ED ने कोर्ट को बताया कि 1990 के दशक के बाद अल-फलाह ग्रुप ने तेजी से तरक्की की और एक बड़ा शैक्षणिक संस्थान बन गया।

हालांकि, ग्रुप की वित्तीय स्थिति और उसकी संपत्तियों के बीच बड़ा अंतर है।

इधर, जवाद के महू में बने मकान को अवैध घोषित कर दिया गया है। इसके साथ ही 3 दिन का अल्टीमेटम दिया गया है। उसके बाद कैंट बोर्ड सख्ती के साथ इसे हटाने की कार्रवाई करेगा।

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