हरियाणा के ऊर्जा, परिवहन व श्रम मंत्री श्री अनिल विज ने कहा कि शहीदी स्मारक के म्यूजियम में 40 लोगों की सीट वाली हाईड्रोलिक वर्टिकल लिफ्ट लग चुकी है जोकि निचले फ्लोर से ऊपरी फ्लोर तक जाएगी। यह शायद हिन्दुस्तान में किसी स्मारक पर पहली लिफ्ट होगी।

श्री विज शनिवार दोपहर जीटी रोड पर सन् 1857 में देश के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में शहीदों की याद में बनाए जा रहे अंतर्राष्ट्रीय स्तर के शहीदी स्मारक का निरीक्षण कर रहे थे।

कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने शहीदी स्मारक का अवलोकन करते हुए म्यूजियम में बनाई जा रही विभिन्न आर्ट एवं डिजिटल गैलरियों का निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों व एजेंसी प्रतिनिधियों को कहा कि यहां पर इस कार्य को तेजी से करवाएं और एक-एक गैलरी एवं हाल से सम्बन्धित कार्य को पूरा करवाना सुनिश्चित करें।

पत्रकारों से बातचीत करते हुए कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने कहा कि शहीदी स्मारक में तेजी से कार्य किया जा रहा है और 150 के करीब यहां पर आर्टिस्ट, कर्मचारी, अधिकारी यहां पर लगे हुए हैं। हम जितनी बार भी यहां पर आते हैं, नई चीज देखने को मिलती है। आज प्रोजेक्टर पर वीडियो गैलरी के माध्यम से प्रेजेंटेशन देखी तथा ओपन एयर थियेटर में जो 40 सीट वाली हाइड्रोलिक वर्टिकल लिफ्ट लगाई गई है, उसे देखा है। इसमें एक फ्लोर से दूसरे फ्लोर तक आसानी से पहुंच सकेंगे। यहां रैंप, सीढ़ियां और हर स्थान पर लिफ्ट का प्रावधान किया है। यहां पर कमल के फूल पर जाने के लिए हाई स्पीड दो लिफ्ट लगाई गई हैं जो 12वीं मंजिल तक जाती है और इस मंजिल पर स्काई कैफे बनाने पर कार्य कर रहे हैं।

शहीदी स्मारक में कई स्थानों पर बनाए गए सेल्फी प्वाइंट : कैबिनेट मंत्री अनिल विज

कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने शहीदी स्मारक में कई स्थानों पर सेल्फी प्वाइंट बनाए गए हैं। हम यह भी प्लान कर रहे हैं कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर के इस शहीदी स्मारक का उदघाटन होते ही हरियाणा के स्कूल हैं उनमें छठी से 12वीं तक पढ़ने वाले विद्यार्थियों को रोस्टर अनुसार इस स्मारक को दिखाने का काम किया जाएगा ताकि उन्हें भी 1857 की आजादी की पहली लड़ाई का इतिहास पता चल सके।

हमें जो पढ़ाया वह गलत था, आजादी की पहली लड़ाई 1857 में लड़ी गई : मंत्री अनिल विज

ऊर्जा व परिवहन मंत्री अनिल विज ने कहा कि हमें जो पढ़ाया गया है वह गलत था। आजादी की पहली लड़ाई 1857 में लड़ी गई, जिसके बारे में आम लोगों को पता नहीं है। तो हम उनको यह दिखाना चाहते हैं कि आजाद होने का जज्बा था वो कांग्रेस के जन्म से बहुत पहले शुरू हो गया था। इतने लोगों ने कुर्बानियां दी और शहीद हुए, झांसी की रानी लड़ी, तांत्या टोपे लड़े, इन्फैंटरी जगह-जगह लड़ी, पेडों से बांध-बांधकर अंग्रेजों ने लोगों को गोलियां मारी और बहुत सारी यूनिटे बाद में डिस्बैंड कर दी गई। सारी चीजें छुपी हुई है जो हम इसे यहां पर दिखाने का काम करेंगे।

मंत्री अनिल विज ने अधिकारियों के साथ बैठक में दिशा-निर्देश दिए

कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने स्मारक में निरीक्षण के उपरांत विभागीय अधिकारियों व निर्माण एजेंसी स्टाफ से बैठक की। उन्होंने स्मारक दिखाने के लिए गाइडस के टेंडर करने, लैंड स्केपिंग में सुधार करने, पार्किंग टेंडर करने, सेना से सन् 1857 समय के यदि कोई हथियार हैं तो उन्हें यहां प्रदर्शित करने हेतु लेने एवं अन्य दिशा-निर्देश दिए।

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