नई दिल्ली/समृद्धि पराशर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को 2 दिन के दौरे पर फ्रांस रवाना हो गए हैं। उन्हें फ्रांस के नेशनल डे यानी बैस्टिल डे पर बतौर चीफ गेस्ट इन्वाइट किया गया है। ये दौरा ऐसे वक्त पर हो रहा है, जब भारत-फ्रांस की स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप को 25 साल पूरे हो गए हैं। मोदी से पहले 2009 में मनमोहन सिंह भारत के पहले ऐसे प्रधानमंत्री बने थे, जिन्हें बैस्टिल डे में चीफ गेस्ट के तौर पर न्योता मिला था।

गुरुवार को फ्रांस पहुंचने के बाद PM पेरिस के ला सीएन म्यूजिकले में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करेंगे। ला सीएन म्यूजिकाले में फिलहाल इंडियन एम्बेसी और मिनिस्ट्री ऑफ कल्चर की तरफ से फेस्टिवल ऑफ इंडिया, ‘नमस्ते फ्रांस’ को होस्ट कर रहा है। इसके बाद फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों मोदी के लिए अपने ऑफिशियल घर एलसी पैलेस में प्राइवेट डिनर होस्ट करेंगे। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय बातचीत भी होगी।

INS विक्रांत को मिलेंगे 26 राफेल लड़ाकू विमान, 3 स्कॉर्पीन क्लास पनडुब्बी डील संभव

डिफेंस सेक्टर के लिहाज से PM मोदी की इस यात्रा को बेहद खास माना जा रहा है। इस दौरान भारत और फ्रांस के बीच राफेल M लड़ाकू विमान को लेकर डील होने की संभावना है। भारत अपनी नौसेना के लिए फ्रांस से 26 राफेल-M यानी मैरीटाइम लड़ाकू विमान खरीदने जा रहा है। ये विमान 5.5 अरब डॉलर (45 हजार करोड़ रुपए) में मिलेंगे। इसके साथ ही 3 स्कॉर्पीन क्लास की पनडुब्बी की डील भी हो सकती है।

ये राफेल का समुद्री वर्जन होगा, जो INS विक्रांत और विक्रमादित्य के लिए आ रहा है। इसके लिए INS विक्रांत के समुद्री परीक्षण भी शुरू हो चुके हैं। उसके डैक से फाइटर ऑपरेशन परखे जाने बाकी हैं। सौदे पर मुहर लगने के कम से कम एक साल तक तकनीकी और लागत संबंधी औपचारिकताएं पूरी होंगी।

एक्सपर्ट का कहना है कि नौसेना के लिए रफाल इसलिए भी उपयुक्त है, क्योंकि वायुसेना रफाल के रखरखाव से जुड़ा इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार कर चुकी है। रफाल एम की पहली खेप आने में 3 साल लग सकते हैं। वायु सेना के लिए 36 रफाल का सौदा 2016 में हुआ था और डिलीवरी पूरी होने में 7 साल लग गए थे।

रूस से हथियारों की खरीद आधी, फ्रांस से 10 गुना बढ़ी
भारत दुनिया का सबसे बड़ा हथियार खरीदार है। वैसे तो रूस भारत का सबसे बड़ा डिफेंस पार्टनर है और भारत अपने सबसे ज्यादा हथियार रूस से खरीदता है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों के दौरान भारत ने फ्रांस से जमकर हथियार खरीदे हैं।

स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट यानी SIPRI की रिपोर्ट के मुताबिक, 2017-2021 के दौरान रूस के बाद फ्रांस भारत का दूसरा सबसे बड़ा हथियार सप्लायर रहा। 2016-2020 के दौरान भारत की फ्रांस से हथियारों की खरीद में 709% की बढ़ोतरी हुई। इस रिपोर्ट के अनुसार, 2017-2021 के दौरान भारत की रूस से हथियार सप्लाई में 47% तक की गिरावट आई, जबकि इस दौरान भारत की फ्रांस से हथियार खरीद में 10 गुना बढ़ोतरी हुई।

फाइनेंशियल ईयर 2021-22 के मुतबिक भारत फ्रांस से 17.65 हजार करोड़ रुपए में एयरक्राफ्ट, स्पेसक्राफ्ट और इनके पार्ट्स को इम्पोर्ट करता है। इसके अलावा हम 6 हजार करोड़ में परमाणु रिएक्टर, बॉयलर, मशीनरी और कई मेकिनिकल अप्लायंस के साथ इनके पार्ट्स को भी फ्रांस से इम्पोर्ट करते हैं।

अब तक 5 बार फ्रांस गए PM मोदी
इससे पहले PM मोदी अब तक 5 बार फ्रांस जा चुके हैं। उनका पहला दौरा 9-12 अप्रैल, 2015 में हुआ था, जो एक ऑफिशियल विजिट थी। इसके बाद 1 दिसंबर 2015 को PM मोदी पेरिस में विश्व जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे थे। तीसरी बार 2-3 जून 2017 को भी PM फ्रांस पहुंचे थे, जहां उनकी राष्ट्रपति मैक्रों से पहली मुलाकात हुई थी।

इसके बाद 22-23 अगस्त, 2019 को भी PM मोदी ऑफिशियल टूर के तहत फ्रांस गए थे। 4 मई 2022 को PM मोदी ने फ्रांस का अपना पांचवां दौरा किया था।

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