मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कुरुक्षेत्र के बाबैन कस्बे की उप तहसील से प्रदेश के किसानों और आम नागरिकों को राज्य सरकार के राजस्व विभाग की नई पहल के साथ 4 परियोजनाओं की सौगात दी है।
इन नई परियोजनाओं के तहत किसान और आम नागरिक अब घर बैठे रजिस्ट्री, पेपर रहित निशानदेही, व्हाट्सएप चैटबोट से घर बैठे राजस्व विभाग के अपने कार्यों की वास्तविक स्थिति की जानकारी के साथ-साथ राजस्व न्यायालय निगरानी प्रणाली से जमीन से सम्बन्धित मामलों का जल्द से जल्द निपटारा संभव हो सकेगा।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सोमवार को बाबैन उप तहसील कार्यालय में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की तरफ से आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में पेपरलेस रजिस्ट्रेशन, सीमांकन पोर्टल, व्हाटसअप चैटबोट और राजस्व न्यायालय प्रबंध प्रणाली व्यवस्था का शुभारंभ किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने राजस्व विभाग की 4 नई योजनाओं को लेकर तैयार की गई पुस्तिका का विमोचन भी किया।
इससे पहले मुख्यमंत्री ने बाबैन उप तहसील के परिसर में पौधारोपण किया और उप तहसील कार्यालय में अपने समक्ष गांव सुजरी निवासी अंकुश बंसल की पहली पेपर रहित रजिस्ट्री भी करवाई। उन्होंने गुरचरण और जरनैल सिंह से 2 कनाल भूमि खरीदी। इस रजिस्ट्री में नंबरदार अमर सिंह और पवन कुमार गवाह रहे। इस प्रार्थी अंकुश बंसल को मुख्यमंत्री ने सेल डील भी सौंपी है। इसके बाद मुख्यमंत्री ने निशानदेही करने वाली जीरोवर मशीन का भी अवलोकन किया। यहां पर एसीएस एवं वित्तायुक्त डा. सुमिता मिश्रा ने मुख्यमंत्री को जीरोवर मशीन के बारे में विस्तृत जानकारी भी दी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार पेपरलेस रजिस्ट्रेशन करके राजस्व विभाग में भ्रष्टाचार की जड़ों पर सीधा प्रहार कर रही हैं। इस प्रणाली से मानवीय हस्तक्षेप न्यूनतम होगा तो भ्रष्टाचार की गुंजाइश कतई नहीं रहेगी। अब रजिस्ट्री का काम पूर्णत: डिजिटल होगी, जिसमें यह पहल मिनिमम गवर्नमेंट-मेक्सिमम गवर्नेस की हमारी नीति का जीवंत उदाहरण है। इस पेपरलेस रजिस्ट्रेशन से पर्यावरण का भी बचाव होगा।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि हरियाणा में डिजीटल हरियाणा कार्यक्रम अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति को सशक्त बनाने का माध्यम है। राजस्व विभाग की जिन 4 पहलों की शुरूआत की गई हैं। ये सिर्फ तकनीकी बदलाव नहीं हैं। ये बदलाव सुशासन, पारदर्शिता और नागरिक सुविधा के नए अध्याय की शुरुआत हैं। उन्होंने कहा कि राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग प्रदेश के सबसे महत्वपूर्ण विभागों में से एक है। यह विभाग सीधे जनता के जीवन से जुड़ा हुआ है। यह विभाग राजस्व प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके साथ ही आपदा के समय लोगों के लिए संकटमोचक के रूप में कार्य करता है।
उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग ने समय-समय पर नई-नई तकनीकों को अपनाकर अपने कामकाज को सरल, पारदर्शी और जन-हितैषी बनाया है। आज जो पहलें हम शुरू करने जा रहे हैं, वे इसी यात्रा का नया अध्याय हैं। उन्होंने कहा कि शासन का वास्तविक अर्थ जनता की सेवा करना है। इसलिए सेवा को सरल, पारदर्शी और त्वरित होना चाहिए। हमारा लक्ष्य है कि आम नागरिक को सरकारी दफ्तरों के चक्कर न काटने पड़ें। सरकार स्वयं नागरिक के द्वार तक पहुंचे। इसी संकल्प को और आगे बढ़ाते हुए राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की इन 4 पहलों का शुभारंभ किया जा रहा है।
अब सिर्फ हस्ताक्षर और फोटो खिंचवाने आना होगा
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि पेपरलेस रजिस्ट्रेशन की इस पहल से रजिस्ट्री करवाने की दशकों से चली आ रही जटिल प्रक्रिया से मुक्ति मिलेगी। अब रजिस्ट्री करवाने में अनावश्यक देरी नहीं होगी। इससे नागरिकों को कार्यालयों के चक्कर लगाने की परेशानी से मुक्ति मिलेगी। उनको केवल एक बार फोटो खिंचवाने व हस्ताक्षर के लिए तहसील जाना होगा।