हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद की उपाध्यक्षा सुमन सैनी ने कहा कि देश को विकसित बनाने के लिए प्राचीन संस्कृति, सभ्यता और शिक्षा को सहेजने की जरूरत है। इस देश की संस्कृति और संस्कारों को युवा पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद एक अहम भूमिका अदा कर रही है। इसलिए परिषद की तरफ से लोहड़ी और मकर संक्रांति जैसे पर्व को युवा पीढ़ी के साथ मनाने का काम कर रहा है।
उपाध्यक्षा सुमन सैनी रविवार को देर सायं हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद की तरफ से बाल भवन कुरुक्षेत्र में आयोजित लोहड़ी और मकर संक्रांति के राज्य स्तरीय समारोह में बोल रही थी। इससे पहले उपाध्यक्षा सुमन सैनी, पूर्व राज्यमंत्री सुभाष सुधा, उपायुक्त नेहा सिंह, हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद की मानद महासचिव सुषमा गुप्ता, जिला परिषद की अध्यक्षा कंवलजीत कौर, भाजपा के जिला अध्यक्ष सुशील राणा, नप की पूर्व अध्यक्षा उमा सुधा ने दीपशिखा प्रज्ज्वलित करके विधिवत रूप से लोहड़ी के राज्य स्तरीय कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
इसके उपरांत उपाध्यक्षा सुमन सैनी व सभी मेहमानों ने परम्परा अनुसार लोहड़ी की रस्म को पूजा अर्चना के साथ सम्पन्न किया। इस रस्म के साथ ही सभी मेहमानों ने प्रदेश भर से आई बेटियों और आमजन के साथ लोहड़ी का जश्र मनाया,सभी ने एक दूसरे को मूंगफली और रेवडिय़ां वितरित की है।
इस राज्यस्तरीय कार्यक्रम में कुरुक्षेत्र के साथ-साथ प्रदेश के अन्य जिलों से आए स्कूलों के विद्यार्थियों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करके सबका मन मोह लिया। इन विद्यार्थियों ने अपनी प्रस्तुति के माध्यम से लोहड़ी और मकर संक्रांति पर्व को ऐतिहासिक और यादगार बना दिया।
उपाध्यक्षा सुमन सैनी ने प्रदेशवासियों को लोहड़ी और मकर संक्रांति की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि लोहड़ी का पर्व केवल उत्सव ही नहीं है, अपितु हमारी सांस्कृतिक और पारम्परिक धरोहर भी है। यह पर्व देश की एकता, अखंडता और विविधता का परिचायक भी है।
लोहड़ी केवल धार्मिक आस्था का पर्व नहीं है बल्कि प्रकृति में बदलाव और नई ऊर्जा में संचार का प्रतीक है, नई फसलों के आगमन का प्रतीक है, किसानों की मेहनत, एकता और खुशहाली का प्रतीक है। इस लोहड़ी पर्व की गूंज पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे उत्तर भारत में सुनाई देती है।
लोहड़ी का उत्सव हमें प्रकृति और पर्यावरण से जुडऩे की प्रेरणा देता है। आज जब जलवायु, परिवर्तन और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता से पहले कहीं अधिक है तो हमें लोहड़ी के मूल संदेश को समझना और अपनाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि लोहड़ी हमारी संस्कृति और परम्पराओं का जीवन स्वरूप है। यह परम्परा हमें अपनी जड़ों से जुड़े रहने और अपनी संस्कृति को आगे बढ़ाने की प्रेरणा देती है। आज सभी को लोहड़ी जैसे त्यौहार और विरासत को सहेजने की जरूरत है। इस प्रकार के कार्यक्रम युवा पीढ़ी को आत्म विश्वास, अनुशासन की प्रेरणा देते है।
लोहड़ी के पर्व का यही संदेश है कि नई ऊर्जा, नई शुरुआत और बेहतर भविष्य की ओर बढऩा है। पूर्व राज्यमंत्री सुभाष सुधा ने लोहड़ी पर्व की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि लोहड़ी जैसे पर्व देश की भावी पीढ़ी को संस्कृति और संस्कारों के साथ जोडक़र रखने का प्रयास है। आज मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को सहेजने का काम किया जा रहा है।
उपायुक्त नेहा सिंह ने मेहमानों का स्वागत करते हुए नागरिकों को लोहड़ी और मकर संक्रांति पर्व की बधाई और शुभकामनाएं दी है। इस कार्यक्रम में बाल कल्याण परिषद की तरफ से मुख्य अतिथि और सभी मेहमानों को स्मृति चिन्ह भेंट किए। इस मौके पर जिला बाल कल्याण अधिकारी गौरव रोहिला, जिला बाल कल्याण अधिकारी सर्वजीत सिंह सिबिया, भाजपा नेता मंदीप सिंह विर्क सहित अन्य गणमान्य लोग व अधिकारीगण मौजूद थे।