चण्डीगढ़/कीर्ति कथूरिया : हरियाणा की महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री कमलेश ढांडा ने कहा कि हरियाणा महिला विकास निगम के माध्यम से महिलाओं के उत्थान तथा उन्हें अपने स्वयं के उद्यम स्थापित करने के लिए “व्यक्तिगत ऋण योजना” के अंतर्गत वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है, ताकि वे कृषि, उद्योग, व्यापार जैसे क्षेत्रों में आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकें।

कमलेश ढांडा ने कहा कि प्रदेश सरकार महिलाओं के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है। इस योजना के अंतर्गत व्यक्तिगत तौर पर ऐसी महिलाओं को ऋण प्रदान किया जाता है, जिनकी वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये से अधिक न हो तथा उनके परिवार का कोई सदस्य आयकर दाता न हो।

उन्होंने कहा कि इस योजना के अंतर्गत महिलाओं को 1.50 लाख रुपये तक की राशि का ऋण विभिन्न क्रियाकलापों जैसे कि सीएससी सेंटर, ई-ऑटो, सिलाई कढ़ाई, किरयाना, मनियारी, रेडीमेड गारमेंट्स, कपड़े की दुकान, स्टेशनरी, बुटीक व जनरल स्टोर इत्यादि के लिए ऋण प्रदान किया जाता है। इस योजना के अंतर्गत अभी तक 40321 महिलाओं/ लड़कियों को 1873.58 लाख रुपये की सब्सिडी दी जा चुकी है।

इस योजना के लिए ऋण के लिए आवेदन करते समय संभावित लाभार्थी की आयु 18-60 वर्ष के बीच होनी चाहिए। ऋण प्राप्त करने के लिए आवेदन प्रपत्र के साथ राशन कार्ड, परिवार पहचान पत्र, आधार कार्ड, दो पासपोर्ट आकार की फोटो इत्यादि संलग्न करना अनिवार्य है।

निगम द्वारा बैंक से स्वीकृत ऋण पर 25 प्रतिशत (अधिकतम 10,000 रुपये अन्य श्रेणी व 25,000 रुपये अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए) अनुदान राशि सब्सिडी के रूप में दी जाती है। कुल ऋण का 10 प्रतिशत हिस्सा लाभार्थी द्वारा स्वयं वहन करना होगा तथा शेष ऋण राष्ट्रीयकृत/सहकारी बैंकों द्वारा प्रदान किया जाएगा। अधिक जानकारी हरियाणा महिला विकास निगम की वेवसाइट http://www.hwdcl.org पर प्राप्त कर सकते हैं।

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