भारत रूसी तेल खरीदना जारी रखेगा और इस बारे में निर्णय पूरी तरह से राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखकर लिए जाएंगे।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह साफ किया।
एक साक्षात्कार में वित्त मंत्री ने कहा, “चाहे वह रूसी तेल हो या कुछ और, हम दरों, लॉजिस्टिक्स या अन्य किसी भी मामले में अपनी आवश्यकताओं के अनुसार ही निर्णय लेंगे। तेल एक बड़ी विदेशी मुद्रा से जुड़ी वस्तु है। ऐसे में हम अपना तेल कहां से खरीदते हैं, यह एक ऐसा निर्णय है, जो हम सबसे अधिक उपयुक्त चीजों को ध्यान में रखकर लेते हैं। इसलिए, हम निस्संदेह रूसी तेल खरीदेंगे।”
केंद्रीय मंत्री ने दोहराया कि भारत के आयात बिल में कच्चे तेल का योगदान सबसे अधिक है।
वित्त मंत्री का बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका ने भारत से आयात पर रूसी तेल खरीदने और यूक्रेन युद्ध को वित्तपोषित करने का आरोप लगाकर 27 अगस्त से 50 प्रतिशत आयात शुल्क लगा दिया है।