हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की अप्रत्याशित हार के 8 महीने बाद राहुल गांधी ने पहली बार प्रदेश में पार्टी संगठन को लेकर काम शुरू किया है।
चंडीगढ़ में पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में ‘संगठन सृजन कार्यक्रम’ में पर्यवेक्षकों की बैठक में राहुल ने 30 जून तक हरियाणा के सभी जिलों में अध्यक्ष बनाने का टारगेट दिया है।
हर जिले में 6 नामों का पैनल बनेगा। 35 से 55 साल उम्र के ही जिला अध्यक्ष बन सकते हैं। कांग्रेस ने सभी 22 जिलों में कुल 90 नेताओं की टीम लगाई है। जिनमें केंद्रीय पर्यवेक्षकों के अलावा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के 66 पर्यवेक्षक हैं।
इन पर्यवेक्षकों की जिलाध्यक्ष नाम तय करने में अहम भूमिका होगी। हरियाणा में फूलचंद मुलाना के कार्यकाल में साल 2013 में आखिरी बार जिलों में कार्यकारिणी बनी थी। 2014 में मुलाना ने पद छोड़ा। उसके बाद से संगठन भंग है।
पहले अशोक तंवर फिर कुमारी सैलजा प्रदेश अध्यक्ष रहीं। उनके बाद उदयभान का कार्यकाल भी 3 साल का हो चुका।
तीनों ने ही संगठन के लिए हाईकमान को लिस्ट सौंपी, लेकिन उस पर सहमति की मुहर नहीं लगवा सके।
संगठन न होने से पहले 2019 और अब 2024 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सत्ता की दौड़ में पिछड़ गई।