संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम)के आह्वान पर किसानों की लंबित मांगो को लेकर देशभर में आने वाली 13 अगस्त को जिला मुख्यालयों पर टे्रक्टर रैलियां व रोष मार्च निकाला जाएगा। यह रोष मार्च सभी किसान संगठनों के द्वारा निकाला जाएगा। इस आह्वान को लेकर भारतीय किसान यूनियन हरियाणा(भाकियू) इकाई के तत्वाधान में रविवार को करनाल स्थित दीनबधु सर छोटूराम किसान भवन में प्रदेश स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता कैथल से प्रमुख किसान नेता सतपाल दिलोंवाली ने की। इस बीच किसानों ने जोरदार नारेबाजी भी की। प्रदेश अध्यक्ष रतनमान ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि एसकेएम के आह्वान 13 अगस्त को प्रदेश में जोरदार ढ़ंग से सरकार के खिलाफ जिला मुख्यालयों पर ट्रैक्टर रैलियां निकाली जाएगी। इस मार्च को लेकर किसानों में भारी उत्साह दिखाई दे रहा है। बैठक में पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, कुरूक्षेत्र, करनाल, सोनीपत, कैथल, जींद, हिसार, मेवात, झज्जर, रिवाड़ी के पदाधिकारियों ने भाग लियस। उन्होंने कहा कि अगर भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच प्रस्तावित फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) लागू कर दिया गया तो भारतीय अर्थव्यवस्था को तहस नहस कर रख देगा। यह उसी प्रकार का बाजार हस्तक्षेप है जैसा कि औपनिवेशिक काल में ईस्ट इंडिया कंपनी ने किया था। मोदी सरकार भारत के बाजारों को फिर से साम्राज्यवादी ताकतों के हवाले करना चाह रही है। जिसका पूर जोर विरोध किया जाना जरूरी है।
मान ने कहा कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चले आंदोलन ने यह दिखा दिया है कि संगठित किसान आंदोलन के बिना सरकार पर दबाव नहीं बनाया जा सकता। इसी दबाव के कारण ही भारत ने आरसीईपी समझौते से खुद को अलग किया था। अब भी किसान-श्रमिकों का एकजुट संघर्ष ही सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ एकमात्र विकल्प है।
13 को होगा देशव्यापी प्रतिरोध
संयुक्त किसान मोर्चा सभी किसानों से आह्वान करता है कि 13 अगस्त 2025 को कॉरपोरेशनों भारत छोड़ो दिवस पर पूरे देश में ट्रैक्टर रैली निकालें, विशाल प्रदर्शन करें और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप व भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुतलों का दहन करें। सभी किसान संगठनों, मजदूर संगठनों और कृषि श्रमिक यूनियनों से इस राष्ट्रव्यापी आंदोलन में शामिल होने की अपील करता है।
इस अवसर पर किसान नेता शाम सिंह मान, हाफिज सिराजुदीन, कृष्ण शर्मा, छज्जूराम कंडेला, सुभाष गुर्जर, मदन बपदा, रणधीर मिलक पुर, सुरेंद्र सागवान, राम कुमार खैरा, गुरप्यार सिंह, बिंद्र नबरदार, महताब कादियान, राजकुमार नौतना सहित काफी संख्या में किसान मौजूद थे।
